एक बार फिर लगे सरकारी स्कूल के अध्यापकों पर संगीन इल्जाम।

रिपोर्टर संजय पुरी एक तरफ पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा की तरफ काम कर रही है तो दूसरी इन्हीं सरकारों में नन्हे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे है।ऐसा ही एक मामला पठानकोट के भदरोया स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल में देखने को मिला है, जहां पहली कक्षा में पढ़ने वाली नन्ही छात्रा के परिजनों ने उनकी बच्ची के साथ स्कूल में मारपीट करने के आरोप लगाए लेकिन इस पर स्कूल प्रिंसिपल एवं स्टाफ ने अपना स्पष्टीकरण देने की काफी समय तक गेट बंद रखकर ऊपर से आर्डर होने की बात कहकर इसे दबाने की कोशिश की। बतां दें कि गत दिवस पर भदरोया सरकारी प्राइमरी स्कूल में नन्ही छात्रा जब स्कूल से वापिस शंकर नगर स्थित अपने घर आई तो उसके परिजनों उसकी पीठ पर लाल निशान देखे और बच्ची उस पर दर्द महसूस करते हुए रो रही थी। इस निशान को देखने पर परिजनों को उनकी बच्ची के साथ स्कूल में पिटाई अथवा चोट लगने की शंका व्यक्त हुई। जब इस बावत उन्होंने स्कूल में जाकर पूछना चाहा तो पहले तो वहां काम करनी वाली एक महिला द्वारा उन्हें सही जबाव न देकर उनसे दुर्व्यवहार करने के परिजनों ने आरोप लगाए, वहीं प्रिंसिपल द्वारा भी मामूली चोट होने की बात कहकर इसे टालने की कोशिश की गई। इस पर परिजनों द्वारा बच्ची के सहमे होने एवं चोट के कारणों संबंधी उन्हें पहले ही इतेलाह क्यों न किए जाने के बारे में पूछा गया तो स्कूल से उन्हें इसका कोई संतुष्टिजनक नही मिला। यही नही उनके द्वारा स्कूल कर्मी महिला व उसके पति द्वारा उनके घर पर आकर भी उन्हें धमकाने के आरोप लगाए गए। जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने पत्रकारों के समक्ष अपनी बच्ची की पीठ पर चोट के निशान दिखाकर उसके साथ पिटाई होने की शंका जाहिर करते हुए आरोप लगाए हालांकि सरकारी स्कूल में आगे बच्ची की पढ़ाई में समस्या पैदा न आए, इस बात की चिंता को लेकर उन्होंने अपने रोष को दबाकर आगे और कुछ बोलने पर चुप्पी साधे रखी। यह मामला यही शांत न होकर आज सुबह उस समय गर्माया, जब स्कूल से इस मामले की जानकारी लेने पहुंचे पत्रकारों को देख स्टाफ द्वारा गेट बंद कर इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। गेट बंद होने के चलते एक पांचवीं कक्षा का बच्चा जोकि छोटी बहन को पास ही स्थित घर छोड़कर वापिस आया तो उसके भी अंदर जाने के लिए गेट नही खोला गया, जोकि करीब एक घंटा तपती धूप में गेट के बाहर इंतजार करता रहा। वहीं इसी बीच कई परिजन अपने नन्हें बच्चों को स्कूल लेने के लिए आए लेकिन उनके लिए भी गेट नही खोला गया, वह भी गेट के बाहर धूप में उसके खुलने का इंतजार करते रहे। जिनके द्वारा भी स्कूल द्वारा इस प्रकार गेट बंद रखने पर अपनी नाराजगी जताई गई। डिप्टी डीईओ ने भेजी मौके पर टीम इस समस्या को लेकर प्राइमरी स्कूल के डिप्टी डीईओ डी.जी सिंह से सम्पर्क उन्हें अवगत करवाया गया तो उन्होंने जांच करवाने की बात कही और तुरंत मौके पर बीपीओ को जांच करने के लिए भेजा। बीपीओ द्वारा मौके पर गेट खुलवाया गया, जिसके बाद धूप में बाहर खड़ा बच्चा अंदर जा सका और बाकी परिजन अपने बच्चों को लेकर अपने घरों की तरफ जा सके। वहीं देखा जाये तो इस मामले में बातचीत के अंत तक अधिकारियों द्वारा स्कूल को भविष्य ऐसी स्थिति उत्पन्न न होने की कोई सख्त हिदायतें जारी नही की गई।

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