
वॉशिंगटन, एजेंसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देते हुए यूक्रेन युद्ध को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की पर सीधा आरोप लगाया है। ट्रंप ने दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में हुई “लाखों मौतों” के लिए ज़ेलेन्स्की भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितने कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन।
सोमवार को एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति के साथ एक बैठक के दौरान ट्रंप ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा:
“इस युद्ध में लाखों लोग मारे गए, और इसके लिए तीन लोग ज़िम्मेदार हैं – पुतिन पहले नंबर पर, फिर बाइडन, जिन्हें नहीं पता कि वो क्या कर रहे हैं, और ज़ेलेन्स्की।”
ट्रंप का ज़ेलेन्स्की पर तीखा हमला
इस बयान के साथ ही ट्रंप ने एक बार फिर ज़ेलेन्स्की के प्रति अपनी आलोचनात्मक और विरोधी भावना को ज़ाहिर किया। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति के हथियारों की मांग को तिरस्कारपूर्ण ढंग से खारिज करते हुए कहा:
“वो हमेशा मिसाइलें खरीदने की कोशिश में रहता है। जब आप किसी युद्ध की शुरुआत करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि आप जीत सकते हैं। आप किसी ऐसे देश से युद्ध की शुरुआत नहीं करते जो आपसे 20 गुना बड़ा हो, और फिर उम्मीद करते हैं कि बाकी दुनिया आपको मिसाइलें देगी।”
ट्रंप-ज़ेलेन्स्की विवाद का लंबा इतिहास
ट्रंप और ज़ेलेन्स्की के बीच तनाव पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा है। हाल ही में 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं के बीच एक तीखी बहस भी हुई थी, जिसे दुनिया भर के मीडिया ने कवर किया था। उस बहस के दौरान ट्रंप ने ज़ेलेन्स्की को “तानाशाह” तक कह दिया था और यह आरोप लगाया था कि यूक्रेन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं है।
गौरतलब है कि फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किया गया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रूस की आक्रामकता माना था। लेकिन ट्रंप लगातार रूस की बजाय यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं, जो कि मास्को के दुष्प्रचार से मेल खाता है।
ट्रंप के इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। यूरोपीय संघ, नाटो, और यूक्रेन के समर्थक देशों के प्रतिनिधियों ने ट्रंप के बयान को “निंदनीय और ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत” बताया है।
यूक्रेन सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा:
“यह शर्मनाक है कि कोई नेता, जो कभी दुनिया के सबसे शक्तिशाली पद पर रहा हो, युद्ध पीड़ितों की पीड़ा का उपहास उड़ाए और झूठे आरोप लगाए।”
ट्रंप के इस बयान को उनके चुनावी एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरते ट्रंप, यूक्रेन में अमेरिकी सहायता को “बेवजह का खर्च” बताते रहे हैं।
उनका यह रुख अमेरिकी वोटरों के उस वर्ग को लुभाने की कोशिश है, जो विदेशी मामलों में अमेरिका की भागीदारी को सीमित करना चाहता है।
डोनाल्ड ट्रंप के नवीनतम बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को गंभीरता से लेते हैं या अपने राजनीतिक हितों के लिए वैश्विक संकटों को हथियार बना रहे हैं।
जहां दुनिया यूक्रेन में शांति की उम्मीद कर रही है, वहीं इस तरह के बयान उस उम्मीद को और कठिन बना सकते हैं।