गद्दे के स्थान पर जमीन पर सोना, भोजन का त्याग कर केवल नारियल पानी!

नजीर मुलाणी,  मुंबई ,  महाराष्ट्र :-  मुंबई, वसई :-रामलला प्राणप्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की तपस्या 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला को राम मंदिर में विराजमान किया जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ समेत करीब 6 हजार लोग शामिल होंगे.रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कठोर तपस्या शुरू कर दी है. मोदी फिलहाल नियमों का पालन कर रहे हैं. वे 11 दिवसीय अनुष्ठान पर हैं।  इस बीच मोदी गद्दे की जगह जमीन पर सो रहे हैं और सिर्फ नारियल पानी पी रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला के प्राण-प्रणांत से पहले कठोर व्रत रखा.प्रधानमंत्री मोदी ने 12 जनवरी से इस नियम का पालन शुरू कर दिया है. पहले दिन मोदी ने नासिक के कालाराम मंदिर में जाकर महाआरती की और अपना उपवास शुरू किया.  राम मंदिर के उद्घाटन से जुड़े अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गए हैं. ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक चलेंगे. राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1:00 बजे समाप्त होगा.पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री मोदी देशभर के अलग-अलग मंदिरों में जाकर रामायण से जुड़ी पूजा-अर्चना कर रहे हैं. 12 जनवरी को मोदी ने नासिक के कालाराम मंदिर में महाआरती की.  इसके बाद वह रामकुंड गये.  फिर 16 जनवरी को मोदी आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर गए और भगवान वीरभद्र की पूजा की. इस बार उन्होंने जटायु से जुड़ी एक कहानी सुनी थी. पीएम मोदी ने दक्षिण भारत के कुछ अन्य मंदिरों का भी दौरा किया.  बुधवार को वह केरल के रामास्वामी मंदिर गए.