मोहाली, गुरसेवक गुरी : हर पल बढते प्रदूषण और खान-पान में मिलावट के कारण आजकल अति संवेदनशीलता एलर्जी के मामलों में वृद्धि हो रही हैं। हमारा शरीर जब किसी विशेष पदार्थ के प्रति अतिसंवेदनशीलता दर्शाता है तो उसे एलर्जी कहा जाता हैं। जिस विशेष पदार्थ के प्रति शरीर यह अति संवेदनशीलता दिखाता है उसे एलेर्जन कहा जाता हैं। कुछ मामलों में एलर्जी अधिक गंभीर समस्या निर्माण कर सकती हैं पर एलर्जी का ईलाज आसान है। इस बारे में जानकारी देते है डॉक्टर गुरप्रीत सिंह मक्कड़ ने कहा कि एलर्जी के कई कारण हो सकते है मौसम में बदलाव के समय जैसे बादल आने पर, धूप आने पर, मोटरगाडी और कारखानों से निकलने वाले धुए और केमिकल से हवा और पानी प्रदूषित हो जाते हैं। ऐसे प्रदूषित हवा या पानी से संपर्क में आने से एलर्जी हो जाती हैं, फूलों के छोटे-छोटे पराग कणो के कारण कई लोगो को एलर्जी हो जाती हैं,अधिकतर लोग आज कल ज्यादा सुन्दर दिखने के लिए कई किस्म के केमिकल युक्त सौंदर्य प्रसाधनो का इस्तेमाल करते हैं। केमिकल युक्त पाउडर, लिपिस्टिक, शैम्पू, डिओड्रेंट, साबुन इत्यादि से एलर्जी के मामलों में बढोतरी होती हैं। आपको किसी भी धातु से एलर्जी हो सकती है जैसे लोहा, सोना, ऐलुमिनियम इत्यादि। ज्यादातर महिलाओ को नकली धातु के बने जवाहरात से एलर्जी होती हैं, बिस्तर और घर में रहने वाले छोटे किटक, कीडे और कॉकरोच के कारण भी एलर्जी हो सकती हैं, कुछ लोगो को खाद्य पदार्थो से भी एलर्जी होती हैं। दूध, खीरा, टमाटर, बदाम, अंडा, मछली जैसे कई खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती हैं। बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ खाने से भी एलर्जी होती हैं इसके इलावा दर्दनाशक दवा, सल्फा ड्रग्स, पेनिसिलीन जैसे कई दवा से एलर्जी हो सकती हैं। डॉक्टर मक्कड़ ने बताया कि एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं। त्वचा लाल पडना, खुजली, बडे बडे चकत्ते पडना, किसी एक अंग में सूजन, काटने जैसे निशान या छेद आदि,आंखें लाल पडऩा, सूजन होना, खुजली होना, पानी भर आना,श्वसन प्रणाली में छीकें आना, नाक में पानी आना, खांसी होना, सांस में तकलीफ होना, सीने में तनाव महसूस होना, दम घुटना, गले में कोई वस्तु फंसे होने जैसा आभास, बातचीत न कर पाना,पेट व आंतें में उल्टी, दस्त, गले में दर्द। इसके इलावा एलर्जी के सबसे गंभीर प्रकार ‘एनाफाइलेक्ट्रिक शाक’ में चेहरे और शरीर पर सूजन हो जाती है, अचानक छींके आने लगती हैं, सिर चकराता है, बेचैनी व थकान महसूस होती है, अनिद्रा, दम घुटना और बेहोशी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। डॉक्टर मक्कड़ ने बताया कि किसी भी तरह की एलर्जी होने पर बिलकुल भी घबराने की जरूरत नहीं है एलर्जी की होम्योपैथी चिकित्सा की सबसे लोकप्रिय समग्र प्रणालियों में से एक है। होम्योपैथी में इलाज के लिए दवाओं का चयन व्यक्तिगत लक्षणों पर आधारित होता है। यही एक तरीका है जिसके माधयम से रोगी के सब विकारों को दूर कर सम्पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। होम्योपैथी का उद्देश्य एलर्जिक अस्थमा होने वाले कारणों का सर्वमूल नाश करना है न की केवल एलर्जी का जहां तक चिकित्सा सम्बन्धी उपाय की बात है तो होमियोपैथी में एलर्जिक अस्थमा के लिए अनेक दवाइयां उपलब्ध हैं। व्यक्तिगत इलाज के लिए एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।