देहरादून, उत्तराखंड/नगर संवाददाताः केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद हिमालय क्षेत्र के कई जल स्रोत लुप्त हो गए हैं। इन्हें पुनर्जीवित करने और रिचार्ज करने के लिए केंद्र सरकार वृहद स्तर पर योजना तैयार कर रही है। इसके लिए सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड को विशेष तौर पर जिम्मा सौंपा गया है।सेंट्रल ग्राउंड बोर्ड इसका गहन अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगा। कुछ जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट की पूरी धनराशि केंद्र सरकार खर्च करेगी। जबकि इसके बाद के कार्य राज्य सरकार करेगी। मंगलवार को ऋषिकेश मैं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गंगा विशन इकाई व सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जहां गंगा स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे नमामि गंगे परियोजना पर अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया वही लुप्त हुए जल स्रोतों के पुनरुद्धार को लेकर भी बोर्ड के सदस्यों से चर्चा की। इस अवसर पर गंगा पैसे निकाल के महानिदेशक उपेंद्र सिंह सेंटर ग्राउंड वाटर बोर्ड के निदेशक एस विश्वास आदि उपस्थित थे।