चंपावत, उत्तराखंड/नगर संवाददाताः भारत-नेपाल को जोड़ने वाले उत्तराखण्ड के एक मात्र बनबसा शारदा बैराज पुल पर बीती रात एंबुलेंस के लिए रास्ता न देने पर एक युवक की मौत हो गई। सितारगंज से नेपाल महेन्द्रनगर अस्पताल को रैफर नेपाली मूल के युवक ने यहां दम तोड़ दिया। आरोप है कि बैराज के कर्मचारियों ने गेट पर लगा ताला नहीं खोला। क्योंकि गेट की चाबी चौकीदार की जगह एसडीओ साहब के कमरे में टंगी रहती हैं। आखिरकर 1 घंटे से अधिक समय के बाद गेट की चाबी तो खुली, लेकिन सांसों की डोर टूट चुकी थी। सिचाई विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों के गैरजिम्मेदार रवैये के चलते युवक की जान चली गई। रोटी बेटी के रिश्तों में भारत-नेपाल सीमा पर एक सेतु का काम करने वाला यह बनबसा बेहद महत्तवपूर्ण है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पता नहीं क्यों यहां साहब बैराज पुल गेट की चाबी का मोह पाले हुए हैं। जबकि सीडीओ साहब के पास चाबी लाने के लिए एक किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है। इस मामले में एसपी चंपावत जांच कर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं।