आजमगढ़, उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाताः आजमगढ़ जिले के लालगंज तहसील क्षेत्र के नाऊपुर गांव में बन रहे राजकीय इंजीनियरिंग कालेज परिसर में डायरिया का कहर जारी है. दूषित जल पीने से पिछले तीन दिनो में जहां पांच लोगों की मौत हो गई वहीं सैकड़ों मजदूर बीमार हो गए. इस घटना से निर्माणाधीन कालेज परिसर में काम करने वाले मजदूरों में हड़कंप मच गया और मजदूर पलायन को विवश हो गये हैं. इसके वावजूद स्वास्थ्य महकमा उदासिन बना हुआ है. गौरतलब है कि आजमगढ जिले के लालगंज क्षेत्र के नाऊपुर गांव में बन रहे राजकीय इंजीनियरिंग कालेज का शिक्षा सत्र जुलाई माह से चालू किया जाना था. निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए जिले की निर्माण निगम के ठेकेदारों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशो से करीब 1 से डेढ हजार मजदूरों को काम करने के लिए लगाया. लेकिन पानी पीने की कोई समुचित व्यवस्था नही की गयी. मजदूरों को दूषित पानी दिया गया जिससे वे सभी एकाएक बीमार पड़ने लगे. पिछले दो-तीन दिनों से दूषित जल के सेवन से मजदूरों की हालत बिगड़ने लगी. पहले तो बीमार मजदूरों ने झाड़-फूंक का सहारा लिया और जब हालत गंभीर होने लगी तो मजदूरों में हड़कंप मच गया. डायरिया की वजह से संतराम, छत्तीसगढ़ प्रांत निवासी प्रमिला और नीलू, सोनभद्र जिले की रहने वाली रूपा और एक अज्ञात मजदूर की मौत हो गई. इसके बाद तो कालेज परिसर में कार्यरत मजदूर भाग खड़े हुए. अब भी करीब दो दर्जन मजदूरों का इलाज स्वास्थ्य केन्द्र और जिला चिकित्सालय में चल रहा है. इस घटना के बाद सभी मजदूर निर्माणाधीन कालेज को छोड़ अपने गांव पलायन के लिए मजबूर हो गये हैं. वहीँ, कालेज में काम कराने वाले ठेकेदार भी भाग खडे हुए हैं. 5 मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा लेकिन वह अब भी आंकड़े जुटाने तक ही सीमित है,